आज (28-08-2010 दोपहर दो बजे से तीन बजे तक) मैंने रेनबो पर गुलदस्ता प्रोग्राम पेश किया। मेरे 26 अगस्त वाले प्रोग्राम में किसी श्रोता ने पूछा था कि दीदी आप फिर किस दिन आ रही हैं। मैंने कहा था, सुनते रहिए किसी न किसी दिन मुलाका़त हो जाएगी। उन्होंने कहा था, आप बहुत दिनों से गुलदस्ते में नहीं आ रही हैं। तो, मैंने कहा कि 28 को शनिवार के गुलदस्ते में मुलाक़ात हो जाएगी। उन्होंने कहा, उस दिन फोन इन प्रोग्राम रखिएगा उस दिन हमारे पुराने आर. जे. मदन सूदन जी की पुण्यतिथि है, मैं कुछ बोलना चाहूंगा। (गुलदस्ता प्रोग्राम में साधारणत: फोन इन नहीं होता, कुछ आर. जे. फोन लेते हैं लेकिन मैं नियमानुसार फोन नहीं लेती)। कुछ स्पेशल तो आप करेंगी न? मैंने पलट कर पूछा, स्पेशल की उम्मीद मुझसे ही क्यों? नहीं दीदी, आप हमेशा कुछ अलग सा करती हैं इसीलिए। हमारे चैनेल पर हिन्दी के दो प्रोग्राम होते हैं एक छायालोक सुबह और शाम को तथा दोपहर को गुलदस्ता।
मैंने तय किया था कि इस बार गुलदस्ते में कोई ख़ास विषय न रखकर शेरो-शायरी से ही कंपेयरिंग की जाए। अच्छी ग़ज़लें मुझे हमेशा छूती हैं। मैं उन्हें नोट करके रख लेती हूँ। इस बार सोचा कि अलग-अलग रचनाकारों की पंक्तियां न लेकर एक ही रचनाकार को लिया जाए। यह प्लानिंग मेरी पहले से ही थी लेकिन मेरे उस श्रोता की हसरत से यह मैच कर गया, शायद इसे ही वेवलेंथ कहते हैं। चलिए अब आज के प्रोग्राम की स्क्रिप्ट हू-ब-हू आपकी नज़र करते हैं, शीर्षक आप ही सोच लें।
1. गीत – दिल को हज़ार बार रोका, रोका,
प्यार है धोखा, धोखा है प्यार, धोखा न खाना।
( फिल्म –मर्डर, गायिका – अलीशा चिनॉय)
धोखा, धोखा, प्यार है धोखा। क़तई नहीं, हमारे 107 AIR FM रेनबो का प्यार क़तई धोखा नहीं है। नमस्कार, आदाब दोस्तो, 107 AIR FM रेनबो पर आपकी RJ नीलम शर्मा हाज़िर है लेकर प्रोग्राम गुलदस्ता। जी हाँ, गुलदस्ता लेकर आपसे रू-ब-रू हे रही हूँ काफ़ी दिनों के अंतराल के बाद। तो शुरू करें, ये रहा आज के गीतोंरुपी गुलदस्ते का अगला ट्रैक।
2. गीत - जाना कहाँ है,रू रू रू, प्यार यहां है,
दुनिया जवां है, दिलकश समां है।
(फ़िल्म – चलते चलते, गायक – सुलक्षणा पंडित – बप्पी लहरी)
अजी जाना कहाँ है, सिर्फ़ और सिर्फ़ 107 AIR FM रेनबो की सतरंगी म्युज़िकल मस्ती में बह जाना है। जी हाँ -
‘मैं ज़िंदगी में कभी इस क़दर न भटका था
कि जब ज़मीर मुझे रास्ता दिखाता था ।
मशीन बन तो चुका हूँ मगर नहीं भूला
कि मेरे जिस्म में दिल भी कभी धड़कता था
वो बच्चा खो गया दुनिया की भीड़ में कब का
हसीन ख्वाबों की जो तितलियां पकड़ता था।’
3. गीत - (ये दौलत भी ले लो, ये शोहत भी ले लो,
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी,
मगर मुझको लौटा वो बचपन का सावन,
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी)
(फिल्म – आज, गायक – जगजीत सिंह)
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो वो बचपन का सावन, वो काग़ज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी। जी हाँ, 2 बजकर 22 मिनट हो रहे हैं। आप सुन रहे हैं 107 AIR FM रेनबो पर गुलदस्ता। अलग-अलग रंगों के गीत रूप गुलों से हमने इसे सजाया है।
‘अंधेरे चंद लोगों का अगर मकसद नहीं होते
यहाँ के लोग अपने आप में सरहद नहीं होते।
न भूलो तुमने ये ऊँचाईयां भी हमसे छीनी हैं
हमारा क़द नही लेते तो आदमकद नहीं होते।
तुम्हारी यह इमारत रोक पाएगी हमें कब तक
वहाँ भी तो बसेरे हैं जहाँ गुंबद नहीं होते।
चले हैं घर से फिर धूप से जूझना होगा
सफ़र में हर जगह सुंदर घने बरगद नहीं होते।’
4. गीत – (रुक जाना नहीं, तू कहीं हार के,
कांटो पे चलके मिलेंगे साये बहार के। ओ राही, ओ राही।)
(फिल्म – इम्तहान, गायक – किशोर कुमार)
‘परों को काट के क्या आसमां दीजिएगा
ज़मीन दीजिएगा या उड़ान दीजिएगा
हमारी बात को भी अपने कान दीजिएगा
हमारे हक़ में भी कोई बयां दीजिएगा
ज़बान, ज़ात या मज़हब यहाँ न टकराएं
हमें हुज़ूर वो हिन्दोस्ता दीजिएगा।’
5. गीत – ( है प्रीत जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ।
भारत का रहने वाला हूँ,
भारत की बात बताता हूँ।)
(फ़िल्म - पूरब और पश्चिम, गायक – महेन्द्र कपूर-साथी)
2 बज कर 34 मिनट होने को हैं, आप सुन रहे हैं 107 AIR FM रेनबो, रेनबो पर गुलदस्ता और आज के गुलदस्ते की इस महफिल को सजाया है मैंने नीलम शर्मा ने। दोस्तो, रहूंगी आपके साथ पूरे तीन बजे तक। आधे घंटे का सफ़र हमने तय कर लिया है और इस दौरान 2 बज कर 45 मिनट पर आप क्रिकेट मैच के अपडेट सुनेंगे।
'पंख कुतर कर जादूगर जब चिड़िया को तड़पाता है
सात समंदर पार का सपना, सपना ही रह जाता है।
जब सन्नाटों का कोलाहल इक हद से बढ़ जाता है
तब कोई दीवाना शायर ग़ज़लें बुन कर लाता है।
वो कोमल पंख हैं डरते अब इक बाज के साये से
जिन पंखों से आस का पंछी सपनों को सहलाता है।'
जी हां दोस्तो, जादूगर भले ही पंख कुतर कर चिड़िया को तड़पाता हो और उस बाज रूपी जादूगर के आतंक से भले ही सब आतंकित हों लेकिन हम आपको पूरा-पूरा विश्वास दिलाते हैं, आश्वासन देते हैं कि साडे नाल आओगे तां लाइफ बन जाएगी। जी हाँ, only on 107 AIR FM रेनबो ।
6. गीत – ( साडे नाल आएगी ता लाईफ बन जाएगी)
(फिल्म – हमराज)(गायक -सोनू निगम, जसपिंदर नरूला)
जी हाँ दोस्तो, लाईफ बनाने के लिए I mean रोज़ी-रोटी की तलाश में बहुत से लोग अपने मूल स्थान से देश के अलग-अलग भागों में पहुंच जाते हैं। अपनों से बहुत दूर, अपनी जड़ों से बहुत दूर। एक ज़माने में तो लोग रोज़ी-रोटी के लिए जाते थे लेकिन आजकल Better Education chances के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ता है यहाँ तक कि लोग दूसरे देशों में भी जाते हैं। लेकिन यह दूरी, दूरी नहीं होती क्योंकि अपनी माटी की खुशबू को वे अपने में समेटे रखते हैं। उसे हमेशा महसूस करते रहते हैं कुछ इस तरह :-
'अश्क बन कर जो छलकती रही मिट्टी मेरी
शोले कुछ यूं भी उगलती रही मिट्टी मेरी
मेरे होने का सबब मुझको बता कर यारो
मेरे सीने में धड़कती रही मिट्टी मेरी
दूर परदेस के सहरा में भी शबनम की तरह
मेरी आँखों में चमकती रही मिट्टी मेरी
सिर्फ़ रोटी के लिए दूर वतन से अपने
दर-ब-दर यूं ही भटकती रही मिट्टी मेरी
मैं जहां भी रहा मेरा साथ न छोड़ा उसने
ज़ेहन में मेरे महकती रही मिट्टी मेरी।'
7. ग़ज़ल – ( हम तो हैं परदेस में,
देस में निकला हो चांद) –
(गायक – जगजीत-चित्रा सिंह)
दोस्तो 2 बज कर 45 पर आपने सुना भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे क्रिकेट मैच का अपडेट। एक बार फिर आपका स्वागत है 107 AIR FM रेनबो के गुलदस्ता कार्यक्रम में, जहां मैं हूँ आपके साथ, आपकी आर. जे. दोस्त नीलम शर्मा।
'ज़रा झाँक कर खुद से बाहर तो देखो,
ज़माने से रिश्ता बना कर तो देखो
ज़माना करे दोस्ती कैसे तुमसे,
ज़रा अपने हाथों में खंजर तो देखो।'
8. गीत- ( दुश्मन न करे दोस्त ने जो काम किया है,
उम्र भर का ग़म हमें ईनाम दिया है।)
फ़िल्म – आख़िर क्यों, गायक – लता – अमित कुमार)
दोस्तो, एक बात और शेयर करना चाहूंगी आज हमारे सीनियरमोस्ट सहकर्मी मदन सूदन जी की पुण्यतिथि भी है। मुझे याद है मदन जी अपने प्रोग्रामस् में खूब शेर सुनाया करते थे और जब आप जैसे दोस्त आकर कहा करते थे – दादा एक अच्छा सा शेर सुना दीजीए न। तो, वे कहा करते थे, अच्छा शेर, और बुरा शेर क्या होता है। शेर शेर होता है।
और आज के गुलदस्ता प्रोग्राम की मैं आपको ख़ासियत बता दूं कि आज के प्रोग्राम में मैने जितने भी शेर कोट किए, जी हाँ, जितने भी शेर कोट किए, वे सारे के सारे शेर एक ही शायर की कलम से रचे गए थे। वो शायर हैं हिन्दुस्तान के लब्ध-प्रतिष्ठित........... ।
उम्मीद है कि आज का गुलदस्ता आपको पसंद आया होगा और अब सिर्फ़ पाँच मिनट बाकी हैं, जाते-जाते आप सबकी नज़र है ये चुलबुला सा गीत। अगली मुलाक़ात होगी सोमवार (30 अगस्त) की सुबह। तब तक सुनते रहिए 107 AIR FM रेनबो, The Real Radio. नमस्कार।
9. गीत – ( इश्क-इशक में, प्यार-प्यार में नंबर 1 पंजाबी...... )
(फिल्म - चोरी-चोरी चुपके चुपके)
(गायक – सोनू निगम, जसपिंदर नरूला)
( ऑन एयर मैंने शायर का नाम कोट कर दिया था, यहाँ जान-बूझकर नहीं कर रही हूँ। अगर आप उनकी लेखनी के प्रशंसक हैं तो अवश्य आप अपने उस शायर/साहित्यिक मित्र को उपरोक्त कोटेशनस् के ज़रिए पहचान लेंगे, और पहचानते तो आप हैं ही, तो बूझिए..............)
बाद में जोड़ा गया (दिनांक 17-09-2010) -
अगले प्रोग्राम में उसी श्रोता ने धन्यवाद दिया कि दीदी आपने सचमुच बहुत ही अच्छा प्रोग्राम पेश किया। उन्होंने कुछ शेर कोट करते हुए कहा कि मैंने ये शेर नोट कर लिए हैं। आगे उन्होंने कहा कि प्रोग्राम में शेर तो बहुत से आर.जेस्/प्रेजेंटरस् कोट करते हैं, लेकिन आपके शेर बहुत ही अनकॉमन और उम्दा थे। मैंने उन्हें शायर के बारे में बताया और कहा कि अगर आपको यह शायरी सचमुच ही बहुत पसंद आई है, तो लिख कर भेजिए, शायर तक आपका पैगाम पहुंच जाएगा।
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अच्छा लगा आपका रेडिओ का प्रोग्राम, क्या अंदाज है ,बधाई
जवाब देंहटाएंक्या अंदाज है ,बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर. इस गुलदस्ते के सारे फूल पसंद आए.
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण-जन्माष्टमी पर ढेर सारी बधाइयाँ !!
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'पाखी की दुनिया' में आज आज माख्नन चोर श्री कृष्ण आयेंगें...
जी शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए।
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