tag:blogger.com,1999:blog-4845840091082684547.post5265804060945344964..comments2023-06-19T04:12:12.038-05:00Comments on समवेत स्वर - Samvet Swar: नीलम शर्मा 'अंशु'http://www.blogger.com/profile/14900740334956197090noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4845840091082684547.post-72855726165468155812009-10-18T11:08:50.174-05:002009-10-18T11:08:50.174-05:00अपने मन की सच्ची बातें कवयित्री सीधे-सीधे अपने ही ...अपने मन की सच्ची बातें कवयित्री सीधे-सीधे अपने ही मुख से कह रही है और पाठक को इस तरह उन भावों के साथ तादातम्य अनुभव करने में बड़ी सुगमता होती है। भावनाएं जैसे भी निकले, वही कविता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4845840091082684547.post-51232543696414113692009-10-18T06:54:56.222-05:002009-10-18T06:54:56.222-05:00अरे मेरे जैसा और भी कोई है, जिसनें मात्र दो ही कवि...अरे मेरे जैसा और भी कोई है, जिसनें मात्र दो ही कवितायें लिखी हैं आज तक. बधाईयां.<br /><br />वैसे आप अच्छा लिखती हैं मुझसे.<br /><br />दिवाली की शुभकामनायें.<br /><br />रफ़ी जी के गांव ले जाने वाली पोस्ट कहां पढने मिलेगी?दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.com